एक मैं आदमी नहीं हूँ स्साब जानवर हूँ दोपाया जानवर जिसे बात-बात पर मनुपुत्र—माँ चो—बहन चो— कमीन क़ौम कहता है। पूरा दिन— बैल की तरह जोतता है मुट्ठी भर सत्तू
एक मैं आदमी नहीं हूँ स्साब जानवर हूँ दोपाया जानवर जिसे बात-बात पर मनुपुत्र—माँ चो—बहन चो— कमीन क़ौम कहता है। पूरा दिन— बैल की तरह जोतता है मुट्ठी भर सत्तू