भीष्म साहनी की कहानी 'चीफ की दावत' 1957 में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह 'पहला पाठ' की सर्वाधिक चर्चित कहानी है. इस कहानी में भीष्म सहनी ने एक कम्पनी में काम करने वाले बेटे की मध्यवर्गीय मानसिकता को चित्रित किया है जिसमें वह अपनी माँ को अपने अधिकारी के समक्ष अप्रस्तुतियोग्य समझता है. अपने अपमान के बावजूद भी माँ अपने बेटे की उन्नति की ही कामना करती है.