Posted in कविता बहिष्कृत औरत – जयपाल Estimated read time 1 min read Posted on June 9, 2019July 8, 2021 by जयपाल शहर से बाहर सेएक औरत शहर के अंदर आती हैघरों पर से मिट्टी झाड़ती हैफर्श चमकाती हैगलियों को बुहारती हैपी…