इन पोथियों का मूल्य उन पर लिखी कीमत में नहीं, दुकानदार की आँखों में नहीं, मेरी डिग्रियों में नहीं, अध्यापक के वेतन में नहीं। उस कोटि-कोटि जनता के हृदय में है, उसकी आँखों में है, उसके हाथों में है। (लेख से )
इन पोथियों का मूल्य उन पर लिखी कीमत में नहीं, दुकानदार की आँखों में नहीं, मेरी डिग्रियों में नहीं, अध्यापक के वेतन में नहीं। उस कोटि-कोटि जनता के हृदय में है, उसकी आँखों में है, उसके हाथों में है। (लेख से )