साखी – पंडित और मशालची1, दोनों को सूझे नाहि। औरन को करे चांदनी, आप अंधेरा मांई।।टेक पंडित तुम कैसे उत्तम कहाये। चरण – एक जाइनि2 से चार बरन3 भे, हाड़
साखी – पंडित और मशालची1, दोनों को सूझे नाहि। औरन को करे चांदनी, आप अंधेरा मांई।।टेक पंडित तुम कैसे उत्तम कहाये। चरण – एक जाइनि2 से चार बरन3 भे, हाड़