1857, किस्सा सदरूद्दीन मेवाती का – सहीराम 

नौटंकी पात्र : नट तथा नटी। दो देहाती (बार-बार उन्हीं को दोहराया जा सकता है),एक ढिढ़ोरची (दो देहातियों में एक…