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सभी तो आदमी हैं – दीपचंद्र निर्मोही

Post Views: 280  कविता मस्तिष्क के किसी कोने में चिपके हैं कई प्रश्रचिन्ह और मैं उदास हूं भीड़ के पास हूं जो निरी तेज दर्द में लिपटी हुई रक्त के…

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मनु ने बोए आरक्षण के बीज

Post Views: 236 लेख दीपंचद्र निर्मोही आरक्षण की अवधारणा का जन्म जातियोंं के जन्म से ही जुड़ा लगता है। जाति-प्रथा के अंकुर वैदिक-काल में ही फूटते देखे जा सकते हैं।…