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कविताOctober 30, 2018

 कविता पके अनाज की मंद-मंद गंध, और पक्षियों का शोर शादी के मंडप सा माहौल। फसल का असल रंग उसे वो बता रहेे हैं, जिन्होंने नही पकड़ी कभी हाथ दरांती

देसहरियाणा सामाजिक-सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का मंच

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