स्वामी रामदास (1884-1963) अनुवाद दिनेश दधिची मधुमक्षिका पुष्प पर जैसे मँडराती है उसी प्रकार हृदय मेरा, हे प्रभो! आपके चरणों पर मँडराता है। वह करती है मधु-पान और यह अमृत-रस
कमला दास (1934-2009) अनुवाद दिनेश दधिची साथ तैरने वालों को मशविरा तैरना सीखोगे जब तुम उस नदी में मत उतरना जो न बहती हो समंदर की तरफ़ अनजान रहती हो
फ़िलिप लार्किन (1922-1985) अनुवाद डा. दिनेश दधिची एक सरकार को श्रद्धांजलि अगले बरस सैनिकों को घर ले आएँगे। पैसे की तंगी है और यह ठीक भी है. वे जिन स्थानों
पुस्तक समीक्षा (सरबजीत के कहानी-संग्रह “बहुत दूर तक” की समीक्षा) किसी लेखक के प्रथम संग्रह की कहानियों का सहज वर्गीकरण संभव भी होता है और सुविधाजनक भी, क्योंकि रचनाकार मुख़्तलिफ़ किस्म
राबर्ट फ़्रॉस्ट (1874-1963) अनु. – डा. दिनेश दधीचि पतझड़ था; दो राहें जाती थीं जंगल में माफ़ कीजिए; एक मुसाफ़िर दो रस्तों पर कैसे चलता? खड़ा रहा मैं देर तलक