सपना हमारे समाज में जहां एक ओर स्त्री और पुरुष के अस्तित्व को सहज रूप से स्वीकारा जाता है। वहीं दूसरी ओर ‘तीसरा-लिंग’ जो न तो स्त्री है और न
सपना हमारे समाज में जहां एक ओर स्त्री और पुरुष के अस्तित्व को सहज रूप से स्वीकारा जाता है। वहीं दूसरी ओर ‘तीसरा-लिंग’ जो न तो स्त्री है और न