कहानी (तारा पांचाल 28 मई,1950 – 20 जून, 2009। ‘सारिका’, ‘हंस’, ‘कथन’, ‘वर्तमान साहित्य’, ‘पल-प्रतिपल’, ‘बया’, ‘गंगा’, ‘अथ’, ‘सशर्त’, ‘जतन’, ‘अध्यापक समाज’, ‘हरकारा’ जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में पाठक उनकी कहानियों
कहानी (तारा पांचाल 28 मई,1950 – 20 जून, 2009। ‘सारिका’, ‘हंस’, ‘कथन’, ‘वर्तमान साहित्य’, ‘पल-प्रतिपल’, ‘बया’, ‘गंगा’, ‘अथ’, ‘सशर्त’, ‘जतन’, ‘अध्यापक समाज’, ‘हरकारा’ जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में पाठक उनकी कहानियों
सेवा देश दी जिंदड़िए बड़ी ओखी,गल्लां करणियां ढेर सुखल्लियां ने।जिन्नां देश सेवा विच पैर पाइयाउन्नां लख मुसीबतां झल्लियां ने। – करतार सिंह सराभा यह साल जलियांवाला बाग नरसंहार
ओमसिंह अशफाक सरबजीत (30-12-1961—13-12-1998) दोस्तों का बिछडऩा बड़ा कष्टदायक होता है। ज्यों-ज्यों हमारी उम्र बढ़ती जाती है पीड़ा सहने की शक्ति भी क्षीण होती रहती है। जवानी का जोश तो
समाज अपने समय की सच्चाई को अपने रचनाकारों की आंख से देखता है। यह जानना हमेशा ही रोचक होता है कि रचनाकार अपने समय को कैसे देखते व अभिव्यक्त करते
डा. सुभाष चंद्र हरियाणा के छोटे से पिछड़े कस्बे नरवाना (बकौल तारा पांचाल नरवाना कंट्री)में जन्मे तारा पांचाल एक कहानीकार के तौर पर पूरे देश में प्रतिष्ठित हुए। इनका जन्म