Post Views: 347 मार्क्सवाद के बारे में बहुत से पर्वाग्रह लोगों के मन में घर कर गये हैं। उनमें से एक मुख्य धारणाा यह है कि इस दृष्टिकोण से प्रतिबद्धता…
जॉर्ज लूकाच – डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल
Post Views: 273 साहित्यिक मसलों की मार्क्सवादी दृष्किोण से व्याख्या करने वाले समर्थ आलोचकों में लूकाच का नाम आता है। किन्तु उनकी कुछ मुख्य स्थापनाओं के बारे में मार्क्सवादी चिन्तकों…
कविता की भाषा और जनभाषा – डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल
Post Views: 3,197 कविता की भाषा का जन-भाषा से किस प्रकार का सम्बन्ध हो इस प्रश्न पर हम यहां केवल जनवादी कविता के संदर्भ में ही विचार करेंगे। कविता की…
चेतना का रचनाकार तारा पांचाल
तारा कोई आदर्शवादी लेखक नहीं थे। यथार्थवादी लेखक पूरी तीखी चेतना के साथ जिंदगी के सवालों पर सोच-लिख रहा था। तारा जी का जीवन द्वंद्वों और संघर्षों का दूसरा नाम था।
वर्तमान दौर में शिक्षा में दिशा के सवाल
Post Views: 251 रिपोर्ट 7 अक्तूबर 2018 को कुरुक्षेत्र के पंचायत भवन में डॉ.ओम प्रकाश ग्रेवाल अध्ययन संस्थान द्वारा वार्षिक ‘ग्रेवाल स्मृति व्याख्यान’ करवाया गया। मुख्य वक्ता पदम् श्री प्रोफेसर…
और सफर तय करना था अभी तो, सरबजीत! – ओमप्रकाश करुणेश
Post Views: 201 ओम प्रकाश करुणेश (कथाकर व आलोचक सरबजीत की असामयिक मृत्यु पर लिखा गया संस्मरण) सरबजीत के साथ पहली मुलाकात ठीक ठाक से तो याद नहीं, पर खुली-आत्मीय भरी…
डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल व रमेश उपाध्याय का पत्र-व्यवहार
Post Views: 327 डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल का पत्र -1 ई-16, यूनिवर्सिटी कैम्पस,कुरुक्षेत्र (हरियाणा)-132119 30 अगस्त 1991 प्रिय भाई रमेश, आपका पत्र। बीच में एकाध दिन के लिए बाहर जाना…
वैचारिक योद्धा डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल – डा. सुभाष चंद्र
Post Views: 132 डा ओमप्रकाश ग्रेवाल बदलाव के लिए प्रयासरत सक्रिय बुद्धिजीवी थे। हरियाणा के साहित्यिक-सांस्कृतिक परिवेश को उन्होंने गहरे से प्रभावित किया। रचनाकारों-संस्कृतिकर्मियों से हमेशा विमर्श में रहे। उनकी…
मध्यवर्ग के आदर्शवादी तत्व और आरक्षण का सवाल -डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल
Post Views: 370 पिछले साल मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकारी नौकरियों में से सत्ताईस प्रतिशत को सामाजिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित करने के राष्ट्रीय…
विकल्प की कोई एक अवधारणा नहीं – डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल
Post Views: 209 विकल्प का सवाल आज पहले से भी जटिल हो गया है, लेकिन विकल्प की अनिवार्यता में कोई अन्तर नहीं आया है। आप ने इस परिचर्चा का विषय…