हालांकि शेषन एक धार्मिक व्यक्ति थे लेकिन जब वे मुख्य चुनाव आयुक्त होकर आए तो सबसे पहले उन्होंने अपने कार्यालय से सभी देवी- देवताओं की मूर्तियाँ और कैलेंडर हटवा दिए। अपना फैसला लेने की क्षमता के लिए भी शेषन जाने जाते हैं। जब राजीव गांधी की हत्या हुई तो उन्होंने चुनाव स्थगित कर दिया था।