Post Views: 281 मध्यकालीन संतों और भक्तों के जन्म-मृत्यु व पारिवारिक जीवन के बारे में आमतौर पर मत विभिन्नताएं हैं। संत रविदास की कृतियों में उनके रैदास, रोहीदास, रायदास, रुईदास…
बेगमपुरा – एक ऐसा देश जहां कोई गम न हो – गुरु रविदास
Post Views: 1,110 अर्शदीप यह एक राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक अवधारणा है। इसका प्रतिपादन भक्तिकाल के महान संत श्री गुरु रविदास (1433-1577*)जी ने अपनी वाणियों के जरिये किया था. उनका एक शब्द नीचे…
दलित प्रेम का आशय – ‘प्रेमकथा एहि भांति बिचारहु’ – बजरंग बिहारी तिवारी
Post Views: 330 बजरंग बिहारी तिवारी प्रेम की सामर्थ्य देखनी हो तो संतों का स्मरण करना चाहिए। संतों में विशेषकर रविदास का। प्रेम की ऐसी बहुआयामी संकल्पना समय से बहुत…