हरियाणवी लोक कथा एक गादड़ था, वो अपणा चौंतरा बणा कै, लीप-पोत कै, साफ-सुथरा राख्या करता। वो अपणा रोब भोत राख्या करता। वो न्यू जाणता के सारा जंगल तेरा कह्या
हरियाणवी लोक कथा एक गादड़ था, वो अपणा चौंतरा बणा कै, लीप-पोत कै, साफ-सुथरा राख्या करता। वो अपणा रोब भोत राख्या करता। वो न्यू जाणता के सारा जंगल तेरा कह्या