हिंदू इतिहासकारों ने और मुसलमान इतिहासकारों ने पक्के-से-पक्के प्रमाण देकर हमें बताया है कि तब भी हम आज के मुकाबले ज्यादा मेल-मुहब्बत के साथ रह रहे थे और गांवों में
हिंदू इतिहासकारों ने और मुसलमान इतिहासकारों ने पक्के-से-पक्के प्रमाण देकर हमें बताया है कि तब भी हम आज के मुकाबले ज्यादा मेल-मुहब्बत के साथ रह रहे थे और गांवों में
मेरे दिमाग में स्वराज की जो कई परिभाषाएं चक्कर काटती रही हैं, उन्हें मैं पाठकों के सामने रखने की इजाज़त चाहता हूं। (1) स्वराज का मतलब है-अपने ऊपर राज। जो
गांधी जी की कुछ स्मरणीय सूक्तियां- हमें ये सारी बातें भुला देनी हैं कि ‘मैं हिंदू हूं, तुम मुसलमान हो’, या ‘मैं गुजराती हूं, तुम मद्रासी हो।’ ‘मैं’ और ‘मेरा’