गांधी जी के अनुसार सच्चा प्रजातंत्र कभी भी हिंसा और दंड-विधान के बल पर कायम नहीं किया जा सकता. व्यक्ति के पूर्ण और स्वतंत्र विकास के लिए जनतांत्रिक समाज को परस्पर सहयोग और सद्भाव, प्रेम और विश्वास पर आधारित रहना चाहिए. मानवता का विकास इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर आज तक हुआ है और आगे भी होगा. (लेख से)