मैं एक ऐसी बात कहना चाहूँगा जो शायद आपको कुछ नागवार गुजरे। कोई भी इस बात से असहमत नहीं है कि स्कूलों में लाइब्रेरी होनी चाहिए और पढ़ने पर जोर
शहर-देहात हरियाणा निर्माण की आधी सदी गुजर चुकी है। पिछले पचास वर्षों में समाज की चाल-ढाल और रंग रूप में बदलाव आया है। इस बदलाव को नेताओं और नौकरशाहों ने
पठनीय पुस्तक ‘यह पृथ्वी मेरी और सब की है और यह हमारे अस्तित्व की पहली शर्त है। इस पृथ्वी को मोल तोल की एक वस्तु के रूप में तबदील करना