‘तीज रंगीली री सासड़ पींग रंगीली’ – प्रो. राजेंद्र गौतम

हरियाणवी कवि लखमीचन्द की कविता की कला को जितनी-जितनी बार निरखा जाता है, उसकी सुंदरता की उतनी-उतनी नई परतें खुलती…