All posts tagged in कबीर दास

4Articles

साखी – कटू बचन कबीर के, सुनत आग लग जाय। शीलवंत1 तो मगन भया, अज्ञानी जल जाय।।टेक अवधू दोनों दीन कसाई। चरण – हिन्दू बकरा मिण्डा मारे, मुसलमान मुर्गाई। कांच

साखी – एकै त्वचा हाड़ मूल मूत्रा, एक रुधिर एक गूदा। एक बूंद से सृष्टि रची है, को ब्राह्मण को शुद्रा।।टेक साधौ, पांडे निपुन कसाई। चरण – बकरी मारि भेड़ी

देसहरियाणा सामाजिक-सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का मंच

आलोचनाJune 19, 2018

आलेख कबीर दास मध्यकालीन भारत के प्रसिद्घ संत हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं में हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रयास किया तथा ब्राह्मणवादी धार्मिक आडम्बरों की आलोचना की। इनकी प्रसिद्घ रचनाएं ‘बीजक’ में

देसहरियाणा सामाजिक-सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का मंच

Sign In/Sign Up Sidebar Search Add a link / post
Popular Now
Loading

Signing-in 3 seconds...

Signing-up 3 seconds...