कथीर के सपने – ओम नागर

ओम नागर तुमने कहा हरित क्रांंति ला रहें है हम हमने घड़े में बीज अवेरना छोड़ दिया तुमने कहा अब…

मिट्टी में मिट्टी होने के सिवाय – ओम नागर

1 कौन हो तुम ? किसान हूँ साहेब क्या चाहिए कुछ नही थोड़ा… थोड़ा क्या पूरा बोलों यही कि थोड़ी…