अद्भुत अपूर्व स्वप्न – भारतेंदु हरिश्चद्र

आज रात्रि को पर्यंक पर जाते ही अचानक आँख लग गई। सोते में सोचता क्‍या हूँ कि इस चलायमान शरीर…