शिवजी-पार्वती द्वारा धार्मिक पाखण्ड का भण्डाफोड़
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हरभगवान चावला सिरसा में रहते हैं। हरियाणा सरकार के विभिन्न महाविद्यालयों में कई दशकों तक हिंदी साहित्य का अध्यापन किया। प्राचार्य पद से सेवानिवृत हुए। तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए और एक कहानी संग्रह। हरभगवान चावला की रचनाएं अपने समय के राजनीतिक-सामाजिक यथार्थ का जीवंत दस्तावेज हैं। सत्ता चाहे राजनीतिक हो या सामाजिक-सांस्कृतिक उसके चरित्र का उद्घाटन करते हुए पाठक का आलोचनात्मक विवेक जगाकर प्रतिरोध का नैतिक साहस पैदा करना इनकी रचनाओं की खूबी है। हाल ही में हरभगवान चावला को मैथिलीशरण गुप्त श्रेष्ठ कृति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है। हरभगवान चावला जी का एक लघुकथा संग्रह ‘बीसवाँ कोड़ा’ शीर्षक से शीघ्र ही प्रकाशित हो रहा है उसके लिए उन्हें शुभकामनाएं। प्रस्तुत है उनकी पांच लघुकथाएँ- … Continue reading5 लघुकथाएँ- हरभगवान चावला
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