सरकार द्वारा 2007 में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 बनाया, ताकि माता-पिता वरिष्ठ व नागरिकों का भरण-पोषण व सुरक्षा दी जा सके।
बेहतर समाज: अब नहीं तो कब? – राजेंद्र चौधरी
इस अवसर पर परिवर्तन के प्रति आशावान होने के कुछ विशेष कारण भी हैं. वर्तमान व्यवस्था कि कई कमज़ोरियाँ जो दबी ढकी थी, वो उघड कर सामने आ गई हैं, सब से बड़ी बात तो यह है कि बहुत बड़े पैमाने पर देश की जनता के पास कोई आर्थिक सुरक्षा और बचत नहीं है, उन की कमाई बमुश्किल इतनी है कि रोज़ कमाते हैं और खाते हैं. और जिन के पास चंद दिनों की तालाबंदी सहन करने की ताकत नहीं है, बुढ़ापा और बीमारी तो उन को भी आती होगी, तब क्या होता होगा इनका, यह सोच कर भी डर लगता है.
पंजाब का सांस्कृतिक त्यौहार लोहड़ी – डा. कर्मजीत सिंह अनुवाद – डा. सुभाष चंद्र
लोहड़ी पंजाब के मौसम से जुड़ा ऐसा त्यौहार है, जिसकी अपनी अनुपम विशेषताएं हैं। जैसे यह त्यौहार पौष की अंतिम रात को मनाया जाता है, जबकि भारत के दूसरे भागों में अगले दिन ‘संक्रांति’ मनाई जाती है। इस त्यौहार पर पंजाब के लोग आग जलाते हैं। संक्रांति पर ऐसा नहीं होता, केवल नदियों-सरोवरों में स्नान किया जाता है। लोहड़ी में तिलों और तिलों की रेवड़ियों की आहूति दी जाती है।
कैसे मिटे गांव की प्यास – भारत डोगरा
ग्रामीण पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है। सरकारी आंकड़े चाहे उपलब्धियों का कुछ भी दावा करें, पर वास्तविक स्थिति बहुत चिंताजनक है। इस कारण स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा, महिला कल्याण आदि विभिन्न क्षेत्रों की क्षति हो रही है।
पंचकूला से मेलबॉर्न – सुरेन्द्रपाल सिंह
Post Views: 402 थेम्स नदी में कितने ही समुद्री जहाज एक ही स्थान पर खड़े हैं और उनमें सज़ायाफ्ता कैदियों को रखा जाता है। स्थिति यहाँ तक पहुंच चुकी है…
मां – कामरेड पृथ्वी सिंह गोरखपुरिया
मेरी मां सारी उम्र मेरी सहयोगी बल्कि यो कहिए संघर्ष की साथी रही। पहले मेरी पढ़ाई जारी रखने के लिए और फिर मार्क्सवादी पार्टी की राजनीति (मजदूरों किसानों की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए) ताउम्र मेरा साथ देती रही। उसने अपने जेवरात, गांव के 2 प्लॉट तथा उसके नाम की 20 एकड़ जमीन मुझे बेचने के लिए दे दी।
कनाडाः शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व की मिसाल – सुरेंद्र पाल सिंह
Post Views: 404 (हर समाज-देश की एक विशिष्ट संस्कृति है। मानव के विकास क्रम में आबादियां एक जगह से दूसरी जगह जाकर बसती रही हैं। जिससे मनुष्य एक दूसरे समुदाय…
हरियाणा के पहले ओलम्पियन भीम सिंह -अविनाश सैनी
Post Views: 226 अविनाश सैनी हरियाणा खिलाड़ियों की भूमि रही है। यहाँ की माटी ने देश को अनेक होनहार खिलाड़ी दिए हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के दम…
‘लोकां दियां होलियां, खालसे दा होला ए' – पंजाब में होली नहीं मनाया जाता है होल्ला-मोहल्ला
‘लोकां दियां होलियां, खालसे दा होला ए’ –
गहरे सामाजिक सरोकारों से जुड़े थे प्रोफेसर सूरजभान – नरेश कुमार
Post Views: 408 नरेश कुमार जाने-माने इतिहासकार, पुरातत्ववेता और समाज सुधारक प्रोफेसर सूरजभान 14 जुलाई 2010 को हमारे बीच से चले गए। प्रोफेसर सूरजभान का जन्म 1 मार्च 1931 को…