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Post Views: 30 निंदा कुछ लोगों की पूंजी होती है। बड़ा लंबा-चौड़ा व्यापार फैलाते हैं वे इस पूंजी से। कई लोगों की ‘रिस्पेक्टेबिलिटी’ (प्रतिष्ठा) ही दूसरों की कलंक-कथाओं के पारायण…
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हरियाणा सृजन उत्सव 2020 में 15 मार्च को कवि सम्मेलन में अमित मनोज,हरभगवान चावला,विरेंद्र भाटिया,सुरजीत सिरड़ी,जयपाल, कर्मचंद केसर,अरुण कैहरबा, एस एस पंवार, योगेश कुमार ने कविता पाठ किया।
अपने समाज व परिवेश से कटकर ना अतीत को समझ सकते, ना धर्म को. भावुकतापूर्ण दृष्टि विहीन अध्ययन किसी काम का नहीं. इतिहास बोध को स्थापित करती कहानी.
भीष्म साहनी का आलेख – जनता का साहित्य किसे कहते हैं । साहित्य के कई महत्वपूर्ण पक्षों पर विचार किया गया है।
Post Views: 1,102 राजस्थानी कविताएं – रामस्वरूप किसान ‘हिवड़ै उपजी पीड़ सुप्रसिद्ध राजस्थानी लोक कवि रामस्वरूप किसान जी ने ये कविताएं देस हरियाणा द्वारा आयोजित तीसरे हरियाणा सृजन उत्सव में…
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