Post Views: 676 बाल कहानी उस दिन शामू की नींद बड़े सवेरे खुल गई। उसने देखा कि घर में कोहराम मचा हुआ है। उसकी काकी जमीन पर सो रही है।…
राधेश्याम भारतीय – दु:ख
Post Views: 525 लोक कथा गांव में कर्मवीर के पिता की मृत्यु के बाद मास्टर जी उसके घर शोक प्रकट करने आए थे। ”बेटे! मुझे कल ही पता चला था…
बंडवारा – धर्मेंद्र कंवारी
Post Views: 138 हरियाणवी लघुकथा पहला – मैं तो यो घर लेऊंगा, मैं छोटा सूं दूसरा – मैं तो इसमैं घणेए साल तै रहूं सूं, तूं प्लाट ले ले तीसरा…
बिजली – धर्मेंद्र कंवारी
Post Views: 159 हरियाणवी लघुकथा एक – भाई इस सरकार नै तो आग्गै लोग एक बी बोट ना दें। दूसरा – कत्ती नाश होर्या सै भाई, इन ससुरा नै न्यूं…
बाबाजी – धर्मेंद्र कंवारी
Post Views: 243 हरियाणवी लघुकथा होटल बरगै कमरे म्ह एक बड्डे से सोफे पै बाबाजी बैठे थे। एसी फुल स्पीड म्हं हवा देण लागर्या था, मौसम कती चिल्ड। एक-एक करके…
सरकार – धर्मेंद्र कंवारी
Post Views: 198 हरियाणवी लघुकथा हुक्के की गुड़गुड़ाहट गेल बात होरी थी। एक बुड्ढ़ा – रै कत्ती नाश हो लिया, आड़ै सरकार नाम की तो चीज ए कोनी दिखदी। दूसरा…
खबर – धर्मेंद्र कंवारी
Post Views: 294 हरियाणवी लघुकथा शहर के बड्डे कारोबारी पै इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी। एक रिपोर्टर सबेर तैए इनकम टैक्स की रेड पर नजर राख र्या था। आज…
बदहाल मानसिकता – कृष्ण चंद्र महादेविया
Post Views: 204 लघु कथा आज फिर युवा बेटी के पेट में दर्द शुरू हुआ तो लक्ष्मी ने अपने पति को भिजवा कर तुरंत गांव की दाई को बुलवा लिया।…
नरेश कुमार 'मीत’ – आजादी
Post Views: 255 लघु-कथा शुक्ला जी सुबह उठकर पौधों को निहार रहे थे कि उन्हें गमले के पीछे कुछ फडफ़ड़ाहट सी सुनाई दी। उन्होंने गौर से देखा तो एक तोता…
राष्ट्र का सेवक – प्रेमचंद
Post Views: 211 लघुकथा राष्ट्र के सेवक ने कहा – देश की मुक्ति का एक ही उपाय है और वह है नीचों के साथ भाईचारे का सलूक, पतितों के साथ…