प्रेमचंद के साहित्यिक सरोकार और वर्तमान साहित्य

‘प्रेमचंद के साहित्यिक सरोकार औऱ वर्तमान साहित्य’ विषय पर आज सत्यशोधक फाउंडेशन और ओमप्रकाश ग्रेवाल संस्थान द्वारा प्रेमचंद जयंती और…

हळ जोतै खेत कमावै जगपालन जमीदार हो सैं – धनपत सिंह

हळ जोतै खेत कमावै जगपालन जमीदार हो सैंचाक घुमावै बास्सण तारै वोहे लोग कुम्हार हो सैं क्यूं लागी मनैं विसवासण,…

‘तीज रंगीली री सासड़ पींग रंगीली’ – प्रो. राजेंद्र गौतम

हरियाणवी कवि लखमीचन्द की कविता की कला को जितनी-जितनी बार निरखा जाता है, उसकी सुंदरता की उतनी-उतनी नई परतें खुलती…

पाक है मोहब्बत म्हारी ना हे बदमाशी – धनपत सिंह

पाक है मोहब्बत म्हारी ना हे बदमाशीहीरामल तैं पहल्यां मनैं टुटणा है फांसी पाक मोहब्बत दुनियां के म्हं सबतैं बड़ी…