सावित्रीबाई फुले को प्रकृति से गहरा प्रेम था। मूलतः किसान परिवार से ताल्लुक होने के कारण मिट्टी के रंग व…
Category: आलोचना
साबिर की कविताओं में बुल्लेशाह-फरीद की गूंज सुनाई देती है-अरुण कुमार कैहरबा
पश्चिमी पंजाब के प्रसिद्ध शायर व कवि साबिर अली साबिर भारत और पाकिस्तान के दोनों पंजाब में समान रूप से…
देवताओं के विरुद्ध कविता – योगेश
कविता,क्या तुम नहीं जानती कि मैं कभी तुमसे अलग नहीं हो सकता? क्या मैं अपने अंतर में जन्म लेने वाली…
मध्यकालीन कविता में सांस्कृतिक समन्वय – प्रो. सुभाष चन्द्र
संस्कृति जड़ वस्तु नहीं होती और न यह स्थिर रहती है, बल्कि यह हमेशा परिवर्तनशील है। संस्कृतियों के मिलन से नए…