भीतरला हो साफ मणस का चाहे रंग बेशक तै काला हो हो रंग भी काला दिल भी काला उसका के उपराला हो भूरा हो जै देखण मैं नर जाणू चांद
भीतरला हो साफ मणस का चाहे रंग बेशक तै काला हो हो रंग भी काला दिल भी काला उसका के उपराला हो भूरा हो जै देखण मैं नर जाणू चांद
बेटी गैल्यां धोखा होग्या इब के कह दयूं सरकार तनै जै गर्भ बीच तै बचा लई तो आग्गे फेर दई मार तनै लिंगानुपात सुधर गया इसका कारण हम तम जाणै
विक्रम राही साथ चांदडे माणस का दिया होया तंग करज्यागा जीण जोग भी खामैखा तो बिन आई मैं मरज्यागा चतुर चलाक बेशर्म आदमी सदा मीट्ठे चोपे लावैगा कई तरियां के
विक्रम राही छब्बीस जनवरी आले पर ना बात होवै सविंधान की टैंक तोप झांकी भाषण तै खुश जनता हिन्दूस्तान की । सविंधान सभा नै लिखया म्हारा संविधान तीन साल मैं
विक्रम राही कौण कड़ै ताहीं तरै आडै कौण कड़ै कद बहज्या बालू बरगी भीत समझले कौण जमै कौण ढहज्या समो समो का मोल बताया पर समो आवणी जाणी किसे समो
विक्रम राही रोज ताण ल्यो कट्टे पिस्टल जेली और तलवारां नै हांगें आली जिद्द ले बैठी या बहोत घणे परिवारां नै छोट्टी मोट्टी कहया सुणी रुप दूसरा लेज्या सै नहीं