भीष्म साहनी का आलेख - जनता का साहित्य किसे कहते हैं । साहित्य के कई महत्वपूर्ण पक्षों पर विचार किया गया है।
भीष्म साहनी का आलेख - जनता का साहित्य किसे कहते हैं । साहित्य के कई महत्वपूर्ण पक्षों पर विचार किया गया है।
टोरी जावें लिबरल आवें। भारतवासी खैर मनावेंनहिं कोई लिबरल नहिं कोई टोरी। जो परनाला सो ही मोरी। ये शब्द हैं – पत्रकार, संपादक, कवि, बाल-साहित्यकार, भाषाविद्, निबंधकार के रूप में ख्याति अर्जित
संतराम उदासी का संबंध पंजाबी कविता की क्रांतिकारी धारा से है। संतराम उदासी की रचनाओं में दलित कविता तथा इंकलाबी कविता के सरोकारों का संगम है। संतराम उदासी का संबंध
राजस्थानी कविताएं – रामस्वरूप किसान ‘हिवड़ै उपजी पीड़ सुप्रसिद्ध राजस्थानी लोक कवि रामस्वरूप किसान जी ने ये कविताएं देस हरियाणा द्वारा आयोजित तीसरे हरियाणा सृजन उत्सव में हुए बहुभाषी राष्ट्रीय