सही राम माई री, तुम धीरज रखना। गर्भ में मुझको धारे रखना।। खुसपुस-खुसपुस बातें होंगी, गुमसुम-गुमसुम बापू होंगे। टेढ़ी सबकी नज़रें होंगी, मुंह भी फूले-फूले होंगे। लंबी-लंबी खामोशी पर, ताने
सही राम माई री, तुम धीरज रखना। गर्भ में मुझको धारे रखना।। खुसपुस-खुसपुस बातें होंगी, गुमसुम-गुमसुम बापू होंगे। टेढ़ी सबकी नज़रें होंगी, मुंह भी फूले-फूले होंगे। लंबी-लंबी खामोशी पर, ताने
सहीराम हम मनुष्य की नई प्रजाति हैं। हमारी खासियत यह है कि हम अपने बच्चों को खा जाते हैं। हम सांप नहीं हैं, हम कोई ऐसे बनैले जीव भी नहीं
कोई दो महीने पहले यह गांव पहली बार तब चर्चा में आया था,जब बीजिंग ओलंपिक में इस गांव के बेटे विजेंद्र ने मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीत कर अपने देश
सहीराम खाप पंचायती वैसे तो तालिबान बन ही चुके थे, सब उन्हें मान भी चुके थे। लेकिन पक्के और पूरे तालिबान बनने की उनकी इच्छा ने इतना जोर मारा कि
सहीराम मीडिया में हरियाणवी महिला की छवि क्या है? जैसे हरियाणवी पुरुष जिसे आमतौर पर हाळी-पाळी कहा जाता है, की छवि खेतों में खटनेवाले एक मेहनतकश किसान की छवि है
वैसुधैव कुटुंबम की हमारी प्राचीन अवधारणा, जो वास्तव में इंसानी भाईचारे की अवधारणा है, इसे अंतर्राष्टीय फलक प्रदान करती है, जहां राष्ट्र का भाईचारा सामने आता है। पर इसमें भी