ओम प्रकाश करुणेश

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कविताJune 8, 2019

गाम के पान्ने गांव-मुहल्ले, कस्बे-शहरअगड़-बगड़ में बसी मरोड़पड़ोस के तान्ने, पास के पान्नेबसे सरिक्के-कुणबे होड़जलण में फुकते, राख फांकतेधूल उड़ाते, गोहर टेढ़ेघास-फूंस न्यार ने जारीघर की रोणक नारीसब कुछ सहतीयह

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संस्मरणDecember 15, 2018

ओम प्रकाश करुणेश  (कथाकर व आलोचक सरबजीत की असामयिक मृत्यु पर लिखा गया संस्मरण) सरबजीत के साथ पहली मुलाकात ठीक ठाक से तो याद नहीं, पर खुली-आत्मीय भरी मुलाकातें…बाद तक भी

देसहरियाणा सामाजिक-सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का मंच

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