मध्यवर्ग के आदर्शवादी तत्व और आरक्षण का सवाल -डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल

पिछले साल मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकारी नौकरियों में से सत्ताईस प्रतिशत को सामाजिक दृष्टि से पिछड़े…

विकल्प की कोई एक अवधारणा नहीं – डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल

 विकल्प का सवाल आज पहले से भी जटिल हो गया है, लेकिन विकल्प की अनिवार्यता में कोई अन्तर नहीं आया…

जातिवाद जनविरोधी राजनीति का एक औजार – डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल

            एक सामाजिक ढांचे के तौर पर ग्राम-समाज या विलेज कम्युनिटी ऐतिहासिक विकास का प्रतिफलन है। इसके उभरकर आने के…

रचना के कलात्मक और ज्ञानात्मक मूल्यों का सहयोजन-डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल

इस प्रश्न पर विचार करते समय सबसे पहले हमें यह याद रखना होगा कि किसी भी रचना के कलात्मक और…