पिछले साल मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकारी नौकरियों में से सत्ताईस प्रतिशत को सामाजिक दृष्टि से पिछड़े…
Author: ओम प्रकाश ग्रेवाल
डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल
(1937 – 2006)
हरियाणा के भिवानी जिले के बामला गांव में 11 जुलाई 1937 को जन्म हुआ।भिवानी से स्कूल की शिक्षा प्राप्त करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। अमेरिका के रोचेस्टर विश्वविद्यालय से पीएच डी की उपाधि प्राप्त की।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे। कला एवं भाषा संकाय के डीन तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर रहे।
जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं महासचिव रहे। जनवादी सांस्कृतिक मंच हरियाणा तथा हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति के संस्थापकों में रहे। साक्षरता अभियान मे सक्रिय रहे।
‘नया पथ’ तथा ‘जतन’ पत्रिका के संपादक रहे।
एक शिक्षक के रूप में अपने विद्यार्थियों, शिक्षक सहकर्मियों व शिक्षा के समूचे परिदृश्य पर शैक्षणिक व वैचारिक पकड़ का अनुकरणीय आदर्श स्थापित किया। हिंदी आलोचना में तत्कालीन बहस में सक्रिय थे और साहित्य में प्रगतिशील रूझानों को बढ़ावा देने के लिए अपनी लेखनी चलाई। नव लेखकों से जीवंत संवाद से सैंकड़ों लेखकों को मार्गदर्शन किया।
वे जीवन-पर्यंत साम्प्रदायिकता, जाति-व्यवस्था, सामाजिक अन्याय, स्त्री-दासता के सांमती ढांचों के खिलाफ सांस्कृतिक पहल की अगुवाई करते रहे। प्रगतिशील-जनतांत्रिक मूल्यों की पक्षधरता उनके व्यवहार व लेखन व वक्तृत्व का हिस्सा हमेशा रही।
गंभीर बीमारी के चलते 24 जनवरी 2006 को उनका देहांत हो गया।
विकल्प की कोई एक अवधारणा नहीं – डा. ओमप्रकाश ग्रेवाल
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