परीक्षा से अधिक कठिन है मूल्यांकन – कमलानंद झा

मेरे बिहार (वैसे लगभग पूरे देश में) में मूल्यांकन के संदर्भ में एक फिकरा अत्यंत प्रसि़द्ध है कि एक साल…

पहाड़ में कायांतरित होता आदमी -कमलानंद झा                                                 

सिनेमा                 पहाड़ पुरुष दशरथ मांझी के व्यक्तित्व ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि ज्ञान, बुद्धिमत्ता और…

दलित साहित्य: एक अन्तर्यात्रा – कमलानंद झा

पठनीय पुस्तक दलित साहित्य के लिए यह शुभ संकेत है कि अब हिंदी में भी लगातार आलोचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित हो…