वह औरत क्या कहे वह क्या कहे उस गांव को जो सबका है पर उसका नहीं उन गांव के कुत्तों को जो उसे ही देखकर भौंकते हैं उन गाय -भैंसों
वह औरत क्या कहे वह क्या कहे उस गांव को जो सबका है पर उसका नहीं उन गांव के कुत्तों को जो उसे ही देखकर भौंकते हैं उन गाय -भैंसों
अधिकारी महोदयतुम चाहे जिस भी जाति से होंहम अपनी बेटी की शादी तुम्हारे बेटे से कर सकते हैंपर हमारी भी एक प्रार्थना हैसगाई से पूर्व तुम्हें अपने घर सेरविदास और
वे दिन भर शहर की सूरत संवारते हैंऔर अपनी सूरत बिगाड़ते हैंदिन ढलने परसिर नीचा करमुंह लटकाएचल पड़ते हैं वापिसअपने घरों की तरफहताश-निराशजैसे शमशान से लौटते हैं लोगखाली हाथ
जाले हर युग के होते हैंहर युग बुन लेता है अपने जालेहर युग चुन लेता है अपने जालेधूल मिट्टी से सने प्राचीन जालेमोती से चमकते नवीन जालेसमय इन जालों से
वे आर्थिक सुधार करेंगेमरने को मजबूर कर देंगेवे रोजगार की बात करेंगेरोटी छीन लेंगेवे शिक्षा की बात करेंगेव्यापार के केन्द्र खोल देंगेवे शान्ति की अपील करेंगेजंग का ऐलान कर देंगेवे
तमाशा दिखाता है बच्चान सांप से डरता है न नेवले सेन बंदर से न भालू सेन शेर से न हाथी सेरस्सी पर चलता है बच्चागिरने से नहीं डरताआग में कूदता