Post Views: 565 हरियाणवी लोककथा एक गाम म्हं दो पाळी आपणे डांगर चराया करदे। एक रात नै दोनों की म्हैस ब्याण का सूत बेठग्या। उनमैं जो आलसी था वो बोल्या…
हुण दस्स चौकीदारा! – हिमाचली लोक कथा
Post Views: 583 प्रस्तुती – दुर्गेश नंदन एक चोर था । छोटी-मोटी चोरियां करके अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहा था पर गुज़ारा वामुश्किल होता । चोर ने…
डरैगा सो मरैगा
Post Views: 274 राजकिशन नैन एक बै जंगल के सारे खरगोशां नै आपणी सभा करी अर सभ आपणे-आपणे दुःखां का रोणा रोण लागे। एक जणां बोल्या, ‘आखिर कित लिकड़ कै…
किताब का लिख्या
Post Views: 256 राजकिशन नैन (राजकिशन नैन हरियाणवी संस्कृति के ज्ञाता हैं और बेजोड़ छायाकार हैं। साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं उनके चित्र प्रकाशित होते रहे हैं।) घसीटा कतई भोला अर घणा सीधा…
म्हारै गाम का चौकीदार
Post Views: 377 म्हारै गाम का चौकीदार बोहत टैम पहल्यां की बात सै। म्हारै गाम म्हं एक चौकीदार था। उसके बोहत सारे काम थे। गाम कुछ भी होंदा उसका गोहा…
सोनकेसी – पहाड़ी लोक-कथा
Post Views: 763 एक बार एक साहुकार था। उसके चार पुत्र थे ।चार में से बड़े तीन पुश्तैनी धन्धे के साथ अपना-अपना काम धन्धा भी करते थे पर सबसे छोटा…
आपणे की चोट
Post Views: 271 राजकिशन नैन (राजकिशन नैन हरियाणवी संस्कृति के ज्ञाता हैं और बेजोड़ छायाकार हैं। साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में उनके चित्र प्रकाशित होते रहे हैं।) एक सुनार था। उसकी दुकान…
महादे-पारवती
Post Views: 278 लोक कथा एक बर की बात सै। पारबती महादे तैं बोल्ली – महाराज, धरती पै लोग्गाँ का क्यूकर गुजारा हो रह्या सै? मनै दिखा कै ल्याओ। महादे…
दुनिया जीण कोनी दींदी
Post Views: 583 हरियाणवी लोक कथा एक बर एक जवान आपणी घरआळी नैं लेण गया। सवारी खातर उसनैं घोड़ी ले ली। वापसी म्हं दोनों घोड़ी पै सवार होकै चाल पड़े।…
कौआ और चिड़िया
Post Views: 1,095 लोक कथा एक चिड़िया थी अर एक था कौआ। वै दोनों प्यार प्रेम तै रह्या करै थे। एक दिन कौआ चिड़िया तै कहण लाग्या अक् चिड़िया…