कदे सोच्या के ?- विक्रम राही

विक्रम राही

वाटस एप पै पोस्ट फारवर्ड
एडवांस हो चाहे हो बैकवर्ड
कदे सोच्या के ?
फेसबुक पै रहै रोज हाजरी
पड़ोस मैं चाहे आग लागरी
कदे सोच्या के ?
बेटी बचाण की क्यूँ आई नौबत
माणस सां माणस की सोहबत
कदे सोच्या के?
रोज खुदकशी किसान करे जां
मेहनत करैं आर दण्ड भरे जां
कदे सोच्या के ?
फुटपाथ पै जो अखबार ओडकै
सो गया अपने क्यों हाड फोड़कै
कदे सोच्या के ?
सबतै पहल्या जो जागण आली
सांझ नै भी जिसकी खाली थाली
कदे सोच्या के ?
नेतागिरी नै थारी या बुद्धि हड़ ली
इब तो बात घणी ए आग्गै बढली
कदे सोच्या के ?

More From Author

समाजवाद की स्थापना चाहते थे शहीद भगत सिंह

वैचारिक एवं वैज्ञानिक संघर्ष के पुरोधा क्रांति पुरुष महामना रामस्वरूप वर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *