महेन्द्र सिंह
कविता
अर्जुन ही बने
धनुर्धारी सबसे बड़ा
क्योंकि
राजपुत्र था वह
एकलव्य आ गया बीच में
मांग लिया गुरु द्रोण ने
अँगूठा …… वो
तीर चलाता था जो।
लेकर
हुनर मन्द के हुनर की बली
बन गए द्रोणाचार्य
विश्व के महानतम आचार्य
हे एकलव्य !
काश ! हो जाते तुम विद्रोही
तो न होता
लाचार इतना
….. आज का एकलव्य
सम्पर्क-9466818345
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