धार्मिकता – अशोक भाटिया

धार्मिकता

जे धार्मिक होता है
वह झूठ नहीं बोलता
जो झूठ बोलता है
वह धार्मिक नहीं होता।
जो धार्मिक होता है
वह हिंसा नहीं करता
जो हिंसा करता है
वह धार्मिक नहीं होता।
जो धार्मिक होता है
वह मन में नफरत नहीं रखता
जो मन में नफरत रखता है
वह धार्मिक नहीं होता।
जो धार्मिक होता है
वह आदमी आदमी में फर्क नहीं करता
जो आदमी आदमी में फर्क करता है
वह धार्मिक नहीं होता।
संपर्क— 94161-52100

2 Comments

(Hide Comments)
  • Neelima

    November 14, 2022 / at 10:36 pmReply

    Behtreen

  • PN Monga

    November 15, 2022 / at 6:57 amReply

    बिलकुल सही कहा है। वास्तव मे अगर धर्म को समाज से अलग कर दिया जाए और केवल घरों तक ही सिमत रखा जाए तो शायद समाज सुधार जल्दी हो जाए……

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