एक बै एक जणा छोरी का रिश्ता खात्तर छोरा टोहंदा फिरै था। रिश्तेदारी में एक नै छोरा बता दिया। जिस छोरे खात्तर वोगया था, वे देही का तो कमजोर था। ए, आख्यां पै चश्में भी चढऱ्ये थे। लड़के के बाप तै बात चलाई तो न्यूंं बोल्या-हामनै लड़कै तै पी.एच.डी. करा राख्यी सै, सगाई में स्कूटर, ब्याह में रंगीन टीवी अर कार लेवांगे। लड़की का बाप बोल्या-सुनो जी, इतनी चीज तो हम दे नहीं सकते, पर तेरे छोरे नै खाण-कमाण जोग्गा कर द्यांगे। या सुणकै छोरे का बाप बोल्या-न्यूं क्यूकर? ओ बोल्या-‘अक् इसकी आंख करवाद्यांगे अर् एक घी का पीपा दे द्यांगे’।
- Home
- एक घी का पीपा दे द्यांगे
You May Also Like
जुत्ती हाथां म्हें ठार्या सूं
Posted by
लोक विनोद
हुण दस्स चौकीदारा! – हिमाचली लोक कथा
Posted by
लोक कथा