मेवाती लोक गीत
मैं तो चिड़िया-सी उड़ जाऊंगी मेरा बाबल।
मैं तो तीन दिना भारी मेरा बाबल।
मोसू हड़क-बड़क मत बोले मेरा बाबल
मैं तो चिड़िया सी उड़ जाऊंगी मेरा बाबल।
मैं तो अपणा खटक दल ले चली मेरा बाबल।
मैं तो चिड़िया सी उड़ जाऊंगी मेरा बाबल।
मेरा बीरा अपणा नगर सू बसियो।
मैंं तो तेरा आंगण की गाय मेरा बाबल।
जितकू ताड़े उतकू तड़ जाऊंगी मेरा बाबल।
मैं तो अपणा खटक दल ले चली मेरा बीरा।
अपणा नगर सू बसियों।
संकलन- माजिद मेवाती
स्रोतः सं. सुभाष चंद्र, देस हरियाणा (नवम्बर 2016 से फरवरी 2017, अंक-8-9), पेज- 113