राजेश कुमार
पूरन मुद्गल
पूरन मुद्गल हिन्दी के पाठकों के लिए एक जाना-पहचाना नाम है। ‘वे पन्ने’ इनकी नवीनतम पुस्तक है, जिसमें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में छपे लेख संग्रहित हैं। यह किताब चार खंडों में विभक्त है। पहले खंड में तीन लेख स्थानों की रोचक जानकारी प्रस्तुत करते हैं। पहले लेख में फिरोजशाह तुगलक द्वारा गूजरी लड़की के प्रेम से प्रेरित होकर हिसार शहर बसाने की कहानी है। दूसरे लेख में सिरसा का पौराणिक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विवरण है। वहीं तीसरे लेख में सिरसा जिले के जीवन नगर व अम्बाला गांव के हंगोला का वर्णन है।
किताब का दूसरा भाग है-व्यक्ति खंड। इसमें विभिन्न महापुरुषों के साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक योगदान का जिक्र है। साहित्यिक-कर्मियों में -उपन्यास सम्राट प्रेम चंद, केदारनाथ अग्रवाल, पंजाबी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार गुरदयाल सिंह, हरियाणा के प्रथम राज्य कवि उदयभानु हंस, कहानीकार व फिल्म निर्माता ख्वाजा अहमद अब्बास, चंद्रकांत बाली, लीलाधर दु:खी, गोविन्द शर्मा व प्रगतिशील लेखक एवं मार्क्सवादी विचारक हंसराज पर लेख है। शहीेदे आजम भगत सिंह, दो बार राज्य सभा सांसद रहे व ग्रामोत्थान विद्यापीठ के संस्थापक स्वामी केशवानंद व आजीवन शोषितों-पीडि़तों की लड़ाई लडऩे वाले पं. नेकी राम शर्मा के जीवन पर भी लेखक ने प्रकाश डाला है।
पुस्तक का तीसरा भाग है – पुस्तक खंड। इसमें लेखक ने विभिन्न पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की है। इसमें देवेन्द्र सत्यार्थी की ‘घोड़ा बादशाह’, त्रिलोक चंद तुलसी की ‘परिवेश, मन और साहित्य’, सगुन चंद मुक्तेश की ‘मैंने नहीं लिखा महाभारत : महर्षि वेदव्यास’, हरभजन सिंह रेणु की ‘भूमिका तौं बगैर’ मोहन सपरा की ‘काले पृष्ठों पर उकरे शब्द’, फूल चंद मानव व डा. चंद्र त्रिखा द्वारा सम्पादित ‘काली नदी के उस पार’, सुरेश बरनवाल की ‘संवेदनाओं से बुनी कहानियां’ व डा. शेर चंद द्वारा सम्पादित ‘ढोले वल्लूराम बाजीगर दे’। ये पुस्तक समीक्षाएं इन तमाम किताबों के पढऩे के लिए प्रेरित करती हैं।
पुस्तक का अंतिम खंड है – घटना खंड। इसमें पहले लेख में श्री युवक समिति एवं श्री युवक साहित्य सदन सिरसा में स्थित दो पुस्तकालय बनाने की कहानी है। दूसरी घटना प्रगतिशील लेखक संघ की गोल्डन जुबली (1986) पर आधारित है। किताब का अंतिम लेख राष्ट्रीय शांति सम्मेलन कटक के फरवरी 1991 के सम्मेलन पर आधारित रिपोर्ट है।
यह किताब कोलाज है विभिन्न लेखों का जो अनेक व्यक्तियों, स्थानों, किताबों व घटनाओं को जानने की उत्सुकता पैदा करती है।
पुस्तक – वे पन्ने
लेखक – पूरन मुद्गल
प्रकाशक – आस्था प्रकाशन, जालंधर
स्रोतः सं. सुभाष चंद्र, देस हरियाणा (जुलाई-अगस्त 2017, अंक-12), पेज- 64