हरियाणा की खेलों में उपलब्धियां -सरिता चौधरी

हरियाणा ने पचास वर्षों में खेलों में अपनी पहचान बनाई है।  खेलों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जैसे-जैसे भारत अपनी पहचान बना रहा है। उसी प्रकार विभिन्न खेलों में हरियाणा के खिलाडिय़ों की संख्या बढ़ती जा रही है।

आज का युग बहुत भागदौड़ व मानसिक तनाव का युग है। ऐसे में अपने-आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए खेलना बहुत आवश्यक है। वर्तमान में खेलकूद शारीरिक विकास तक सीमित नहीं रहा,अपितु विश्वीकरण,  व्यापारीकरण व  व्यवसायिक क्षेत्रों में धकेल दिया है। अब खेलों में बहुत व्यवसायिक अवसर हैं, जिनमें प्रशिक्षण व्यवसायिक खिलाड़ी, स्वास्थ्य, पत्रकारिता, खेल औषधि, पोषण सेवाएं, खेल मनोविज्ञान, खेल समाजशास्त्र, खेल उपकरण उल्लेखनीय हैं।

क्रिकेट, टेनिस, बाक्सिंग, गोल्फ, शतरंज, कुश्ती, प्रो कबड्डी आदि खेलों का तो तीव्र व्यवसायीकरण हुआ है। इन खेलों की स्पर्धाओं में बड़ी इनामी राशि होती है। खेलकूद आज मनोरंजन के साथ-साथ रोजगार का सशक्त माध्यम बन गया है।

हरियाणा बनने के बाद तक खेलों में बहुत ज्यादा सुविधाएं नहीं थी। और पहले पदक लाने पर खिलाड़ी को रोजगार मिलने की गारंटी नहीं थी, परन्तु जब से हरियाणा सरकार की ‘पदक लाओ पद पाओ’ की खेल नीति आई तब से हरियाणा की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी व पदक तालिका बढ़ती गई।

अब हरियाणा खेलों का हब बन चुका है। शाहाबाद (हाकी), अमीन (वालीबाल), रोहतक (कुश्ती), भिवानी (बाक्सिंग) से अनेक अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी निकले।  ओलिम्पक खेलों में पिछले दो बार की भारत की उपलब्धियों में मिले 50 प्रतिशत से ज्यादा पदकों पर हरियाणा के खिलाडिय़ों का कब्जा  हैं।

2012 में लंदन ओलम्पिक

विजय कुमार       रजत     निशानेबाजी

गगन नारंग            कांस्य   निशानेबाजी
(मूलत: हरियाणा)

साईना नेहवाल   कांस्य   बैडमिंटन (हरियाणा)

एम-सी मैरीकॉम  कांस्य   मुक्केबाजी

सुशील कुमार    रजत   कुश्ती (हरियाणा)

योगेश्वर दत्त    कांस्य   कुश्ती (हरियाणा)

2016 रियो ओलम्पिक

पी.वी. सिंधू     रजत   बैडमिंटन

साक्षी मलिक     कांस्य   हरियाणा

यदि हम खेल संस्कृति के विकास के बारे में बात करें तो मेरा अनुभव यह बताता है कि खेल संक्रमण की तरह फैलते हैं। एक खिलाड़ी की देखम-देखी, रीसम-रीस दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवां और इसी तरह पूरी गली, कालोनी, पूरे शहर में खिलाड़ी उभर आते हैं। पहले हम देखते थे कि लड़कियां  ट्रैक सूट पहन कर जाने में हिचकती थी और पास-पड़ौस में भी उन्हें अजीब नजरों से देखा जाता था। लेकिन जब उन्हीं महिला खिलाडिय़ों ने पदक लाने शुरू किए तो उनकी आलोचना करने वाले अभिभावक भी चाहने लगे कि हमारी लड़कियां भी खेलों में हिस्सा लें व उपलब्धियां प्राप्त करें। फोगाट बहनें गीता, बबीता, विनेश की शानदार उपलब्धियों के बाद तो लगातार खिलाडिय़ों में आगे से आगे बढऩे की हौड़ लगी है। जब से अच्छी उपलब्धि लाने पर खिलाड़ी को रोजगार के साथ अच्छी ईनामी राशि मिलने लगी तो हरियाणा के खिलाडिय़ों ने अलग-अलग खेल में अपनी धूम मचा दी।

हरियाणा के सुशील कुमार एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने कुश्ती की व्यक्तिगत स्पर्धाओं में दो बार ओलम्पिक खेलों में (2008 बीजिंग, 2012 लंदन) कांस्य पदक प्राप्त किया। अर्जुन अवार्डी राजेंद्र कुमार उमरी (कुरुक्षेत्र) ने भी 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

हरियाणा की रितु रानी 2012 लंदन में होने वाली हाकी ओलिम्पक टीम की कप्तान बनी। हरियाणा के नीरज चोपड़ा ने पौलेण्ड में सम्पन्न अंडर-20, 2016 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक प्रतियोगिता में नया विश्व रिकार्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता।

2016 रियो पैरालम्पिक में कुल 19 पैराएथलीट में से 10 खिलाड़ी हरियाणा से थे व अहमदाबाद में होने वाले तीसरे वल्र्डकप कबड्डी’ 2016 में 14 सदस्यीय भारतीय टीम में 8 खिलाड़ी हरियाणा से हैं। गुड़गांव के अनूप कुमार टीम के कप्तान हैं। हरियाणा के ऐसे बहुत खिलाड़ी हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम फहराया।

लेकिन विडम्बना यह है कि बहुत सारी प्रतिभाएं सुविधाओं व जागृति की कमी से अंधकार में ही रह जाती हैं। लड़कियों के लिए खेलने के लिए अभी भी सुखद माहौल नहीं है, क्योंकि धूल-धूप में रंग सांंवला होने, चेहरे पर निशान आदि लगने, चाल-ढाल में मर्दानापन झलकने आदि को विवाह में अड़चन माना जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने पर खिलाडिय़ों को करोड़ों का ईनाम व अच्छी नौकरी मिल जाती है, परन्तु खिलाडिय़ों को तैयार करने के लिए जो संसाधन, उपकरण व खानपान सुविधाएं चाहिएं वो सभी खिलाडिय़ों को पदक से पहले अभ्यास के दौरान नहंीं मिलती। अगर घोषित ईनाम की आधी राशि भी खिलाड़ी तैयार करने पर खर्च की जाए तो दस गुणा पदक आ सकते हैं।

खेल ढांचे में समूचे बदलाव की जरूरत है। पूरे देश में एक ही खेल नीति होनी चाहिए। एक ही फैडरेशन होनी चाहिए। ऐसी संस्थाओं में बढ़ौतरी होनी चाहिए जो खिलाडिय़ों को आसानी से प्रतिबंधित दवाओं की जानकारी बारीकी से दे सकें।

हर जिले में एक सर्च कमेटी होनी चाहिए जो सभी स्कूल, क्रीड़ा स्थल, गलियों, मोहल्ले में खेलते हुए बच्चों का अवलोकन व अध्ययन करे व जिनमें भी कोई विशिष्ट प्रतिभा नजर आए, उनको सूचीबद्ध करके खेल नर्सरी में भेजा जाए व भरपूर सुविधाएं उपलब्ध कराएं।

भारत सरकार द्वारा ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’  प्रतिभावान खेल प्रशिक्षकों (कोच) को दिया जाता है। इसमें भी 5 लाख रुपए नकद धनराशि प्रशिक्षक को दी जाती है, जोकि  1985 में देना शुरू किया। इसमें से हरियाणा के लगभग 12 प्रशिक्षकों को यह पुरस्कार मिला है।

द्रोणाचार्य अवार्ड प्राप्तकर्ता प्रशिक्षक

क्र.           नाम            खेल            जिला

1              एमके          हाकी          गुरुग्राम

2              जगदीश      बाक्सिंग       भिवानी

3              हरगोबिन्द     एथलेटिक   पंचकूला

4              अनूप           बाक्सिंग    हिसार

5              गुरदयाल भांगरू हाकी     अम्बाला

6              बलदेव         हाकी          कुरुक्षेत्र

7              अजय          हाकी          अम्बाला

8              चांदरूप     रेसलिंग        रोहतक

9              सुनील         कबड्डी       गुरुग्राम

10           नरेन्द्र सैनी     हाकी          रोहतक

11           महाबीर  रेसलिंग  हिसार

12           बहादुर         एथलेटिक सिरसा

खेल पुरस्कार व अवार्ड पाने में भी हरियाणा के खिलाड़ी पीछे नहीं हैं। देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ 1991-92 में शुरू हुआ, उन खिलाडिय़ों को प्रदान किया जाता है। जिन्होंने विचाराधीन वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है। इसमे��� 7.5 लाख रुपए इनामी राशि दी जाती है। 32 में से 7 हरियाणा से हैं।          पुरस्कार और प्राप्तकत्ताओं की सूची

साल              प्राप्तकर्ता             खेल

1994-95    कर्णम मल्लेश्वरी    वेटलिफ्टिंग

2009          विजेंद्र सिंह             बाक्सिंग

2009          सुशील कुमार        रेसलिंग

2010           साईना नेहवाल    बैडमिंटन

2011       गगन नारंग            शूटिंग

2012       विजय कुमार         शूटिंग

2012       योगेश्वर दत्त           रेसलिंग

2016       साक्षी मलिक        रेसलिंग

अर्जुन पुरस्कार

देश के श्रेष्ठ खिलाडिय़ों को प्रतिवर्ष यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इसका प्रारंभ 1961 में हुआ। विभिन्न खेलों से सम्बद्ध श्रेष्ठ खिलाडिय़ों को प्रति वर्ष भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। इसमें खिलाडिय़ों को 5 लाख रुपए नकद धनराशि मिलती है। हरियाणा के लगभग 73 खिलाडिय़ों को यह पुरस्कार मिल चुका है।

हरियाणा के अर्जुन पुरस्कार विजेता

क्र.               नाम             खेल           जिला

1              उदय              रेसलिंग      हिसार

2              मनसूरअली पटौदी क्रिकेट  नूंह

3              भीम सिंह       एथलीट  फरीदाबाद

4              खुशी राम       बास्किटबाल  झज्जर

5              मास्टर राम       रेसलिंग

6              मनमोहन       बास्किटबाल     गुरुग्राम

7              जगरूप         रेसलिंग            फरीदाबाद

8              एमएस          स्वीमिंग             भिवानी

9              साबिर           एथलीट             यमुनानगर

10           महाबीर          रेसलिंग            सोनीपत

11           ब्रि. डीके         स्वीमिंग            अम्बाला

12           किरपाल        जिम्नास्टिक        सोनीपत

13           ओमबीर        रेसलिंग            झज्जर

14           आरएस        रोईंग          सोनीपत

15           कर्नम मल्लेश्वरी  वेट लिफ्टिंग     यमुनानगर

16           पूनम          जूडो           झज्जर

17           मिस शिल्पी     शूटिंग          फरीदाबाद

18           नरेन्द्र             जूडो           झज्जर

19           अंजु दुआ       जिम्रास्टिक      अम्बाला

20           नीलम जे       एथलेटिक रोहतक

21           एमके            हाकी             गुरुग्राम

22           जितेन्द्र          बाक्सिंग       रोहतक

23           रमेश गुलिया   रेसलिंग     सोनीपत

24           राम                कबड्डी         भिवानी

25           राजेश          इकुएसट्रिन      गुुरुग्राम

26           दीप अहलावत इकुएसट्रिन   झज्जर

27           सुंदर           कबड्डी             रोहतक

28           अखिल          बाक्सिंग      रोहतक

29           रोहित          पेरालम्पिक      भिवानी

30           सुरेन्द्र कौर      हाकी

31           योगेश्वर        रेसलिंग  सोनीपत

32           जसजीत कीैर   हाकी

33           संजीव         शूटिंग          यमुनानगर

34           प्रशांत          पेरालम्पिक      भिवानी

35           रविन्द्र         रेसलिंग  झज्जर

36           दीपा           पेरालम्पिक      गुरुग्राम

37           सरदार         हाकी          सिरसा

38           विकास         बाक्सिंग        भिवानी

39           अनूप          कबड्डी         गुरुग्राम

40           समीर          पोलो          झज्जर

41           गीता          रेसलिंग  भिवानी

42           धर्मेंद्र          रेसलिंग  झज्जर

43           जय           बाक्सिंग हिसार

44           मनोज         बाक्सिंग कैथल

45           हवासिंह        बाक्सिंग भिवानी

46           बलवंत         वालीबाल कैथल

47           मेहताब         बाक्सिंग भिवानी

48           गीता          एथलेटिक गुरुग्राम

49           राजेंद्र मोर      रेसलिंग

50           कपिल         क्रिकेट

51           अजमेर         बास्केटबाल

52           चांद           एथलेटिक जींद

53           सुनीता         जिम्रास्टिक

54           सत्यवान       रेसलिंग  रोहतक

55           दलेल सिंह      वालीबाल कुरुक्षेत्र

56           अशोक गर्ग      रेसलिंग  रोहतक

57           शक्ति सिंह      एथलेटिक भिवानी

58           अशान         कबड्डी         भिवानी

59           रोहताश        रेसलिंग  सोनीपत

60           प्रीतम          हाकी          सोनीपत

61           विवेक         शूटिंग          गुरुग्राम

62           आमिर         वालीबाल पंचकूला

63           ममता         हाकी          रोहतक

64           अनिल         एथलेटिक भिवानी

65           रमेश          कबड्डी         हिसार

66           गीतिका        रेसलिंग  हिसार

67           संदीप शर्मा      वालीबाल कुरुक्षेत्र

68           संजीव         शूटिंग          यमुनानगर

69           संजय          रेसलिंग  सोनीपत

70           राजेंद्र          रेसलिंग  कुरुक्षेत्र

71           अमित         रेसलिंग  रोहतक

72           कविता         बाक्सिंग भिवानी

73           नेहा           रेसलिंग  फरीदाबाद

1985 में शुरू हुए राष्ट्रीय खेलों में भी हरियाणा की उपलब्धियों में निरन्तर बढ़ौतरी हो रही है।

           स्वर्ण रजत कांस्य     कुल पदक  स्थान

1999       8  + 12  + 23       124          14th

2001       17  +20 + 22        59         7th

2002        19 + 22 + 32        73       7th

2007       30 + 22 + 28       80        5th

2011       42 + 33 + 40       115       3th

2015       40 + 40 + 27       107       3th

स्रोतः सं. सुभाष चंद्र, देस हरियाणा ( अंक 8-9, नवम्बर 2016 से फरवरी 2017), पृ.- 102 -103

More From Author

सामण की रूत -विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’

बाजार के हवाले शिक्षा -सुरेन्द्र ढिल्लों

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *