बहनें
ले. पॉलिन स्मिथ, अनुवाद: डॉ. देवेन्द्र कुमार
दक्षिणी अफ्रीकी लेखिका पॉलिन स्मिथ (1882-1959) लघु कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। प्रस्तुत कहानी में एक किसान अपनी जमीन बचाने के लिए अपनी बेटी को एक बूढ़े जमींदार के साथ ब्याह देने के लिये मजबूर है। औरत की दुविधा और व्यथा बड़ी गंभीरता से प्रस्तुत की है। भारतीय कृषि प्रधान समाज के सामंती भू-संबंधों में यह बेहद प्रासंगिक है। प्रस्तुत है काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में अंग्रेजी विभाग में एसिसटेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. देवेन्द्र कुमार द्वारा किया गया अनुवाद। सं.-
हम भाई-बहनों में मार्टा सबसे बड़ी थी। जब हमारी माँ की मृत्यु हुई और हमारे पिता बिटरवॉटर वासी बूढ़े यॉन रेडलिंग्वे के खिलाफ दायर खेत के पानी का अंतिम मुकद्दमा भी हार गये, उस समय मार्टा सोलह साल की थी। इन पानी के मुकद्दमों ने ही मेरी माँ को मार डाला था। अनेकों बार मेरी माँ ने मेरे पिता से विनती की थी कि वह रेडलिंग्वे से झगड़ा मोल न ले। वह जानती थी कि मेरे पिता द्वारा ‘गमका’ नामक नदी से अपने खेतों तक पानी के लिए नाला बनाने से बहुत पहले ही कानून द्वारा रेडलिंग्वे के जल अधिकार निश्चित कर दिये गये थे। लेकिन मेरे पिता को चैन कहाँ? वह कहते रहते कि यदि उन्हें अपने नाले के लिए पर्याप्त पानी मिल जाय, तो उसका जीकोगाट वाला खेत भी बिटरवॉटर वाले खेत जितना उपजाऊ हो जायेगा और फिर हम सब नजदीकी कस्बे प्लैटकॉप्स डॉप में जाकर रहने लगेंगे और मेरी माँ हमेशा काले पश्मीने के वस्त्र पहना करेगी। मेरे पिता को यह बात कभी समझ में नहीं आई कि मेरी माँ को न तो काले पश्मीने की चाह थी और न ही प्लैटकॉप्स डॉप में घर की। वह तो बहुत ही विनम्र महिला थी। उसे दिल की बीमारी भी थी। वह केवल यही चाहती थी कि घर में शांति बनी रहे और बच्चे हमेशा उसके आस-पास खुश रहें। लेकिन जब तक मेरे पिता पानी के मुकद्दमों में उलझे रहे, हमारे जीकोगाट वाले खेत से सुख-शांति दूर ही रही। हर नया मुकद्दमा हमारे लिए अधिक बेचैनी और दुःख लेकर आया। यहाँ तक कि अंततः मेरे माता-पिता का आपसी रिश्ता भी कड़वाहट और दुःख से भर गया। वही कड़वाहट और दुःख लेकर मेरी माँ मर गयी।
अंतिम मुकद्दमे में तो मेरे पिता को इतना ज्यादा नुकसान हुआ कि अपना खेत बचाने के लिए उन्हें अपनी कुछ जमीन बूढ़े रेडलिंग्वे के पास ही गिरवी रखनी पड़ी। निश्चित रूप से मेरे पिता उस समय पगला गये थे जो उन्होंने ऐसा किया। उस दिन से बूढ़े रेडलिंग्वे ने मेरे पिता को ऐसे घेरना शुरू किया और उन पर इतना दबाव बनाया कि अंततः उनके सारे रास्ते बंद हो गये। जब मेरे पिता की इधर कुआँ तो उधर खाई वाली स्थिति हो गयी और ऋण चुकाने के लिए जमीन का अंतिम टुकड़ा भी बेचने की नौबत आ गयी, तब एक दिन रेडलिंग्वे आया और उनसे बोला- ‘‘जमीन की बजाय मैं तुम्हारी बेटी मार्टा मैग्डालीना को लूँगा।’’
रेडलिंग्वे ने मेरे पिता को तीन दिन का समय दिया और धमकी दी कि अगर इन तीन दिनों में मार्टा शादी का वायदा नहीं करती, तो हमें जीकोगाट वाली जमीनें बेचनी पड़ेंगी। इस बात का मुझे उसी रात मार्टा से पता चला। उसने मुझसे कहा-‘‘सूकी! पिता ने मुझे बूढ़े यॉन रेडलिंग्वे से शादी करने को कहा और मैं ऐसा करने जा रही हूँ।’’ उसने आगे कहा- ‘‘मेरी प्यारी सूकी! सुनो, अगर मैं बूढ़े रेडलिंग्वे से शादी कर लूँगी, तो वह हमारे पिता के नाले में पानी छोड़ देगा और हमारी जीकोगाट वाली जमीनें भी बच जायेंगी। मैं ऐसा करने जा रही हूँ और भगवान इसमें मेरी मदद करेंगे।’’ मैंने रोते हुए कहा- ‘‘मार्टा! बूढ़ा रेडलिंग्वे एक पापी इंसान है और कभी-कभी वह पगला भी जाता हैं। अगर भगवान को तुम्हारी सहायता करनी ही है, तो वह शादी से पहले करे। बाद में तो बहुत देर हो जायेगी।‘‘ तब मार्टा बोली- ‘‘सूकी! अगर मैं ठीक कर रही हूँ, तो इसका परिणाम भी ठीक ही होगा और मेरे लिए इस समय ठीक यही है कि मैं अपने पिता की जमीनें बचा लूँ। प्यारी सूकी! जरा सोचो, इस दुनिया में ऐसा कौन है जो पापी नहीं है? फिर बूढ़ा रेडलिंग्वे हर समय तो पगलाया नहीं रहता। मैं कौन होती हूँ रेडलिंग्वे को जाँचने-परखने वाली? फिर भला मैं कैसे अपने पिता को एक गरीब गोरे की तरह प्लैटकॉप्स डॉप की ओर जाते देख सकती हूँ?’’ इतना कहकर उसने मुझे अपने साथ तकिये पर खींच लिया और देर रात तक मुझे बाँहों में भरे रोती रही।
अगले दिन मैं अकेली ही नदी के पार बूढ़े रेडलिंग्वे के खेत में गयी। कोई नहीं जानता था कि मैं वहाँ गयी और क्यों गयी? जब मैं वहाँ पहुँची, तो रेडलिंग्वे घर के बाहर कुर्सी पर बैठा सिगार पी रहा था। मैंने कहा- ‘‘यॉन रेडलिंग्वे! मैं अपने आप को तुम्हें समर्पित करने आयी हूँ।’’ बूढ़े रेडलिंग्वे ने अपने मुँह से सिगार निकाला और मेरी ओर देखा। मैंने फिर कहा- ‘‘मैं यह कहने आयी हूँ कि तुम मेरी बहन मार्टा की बजाय मुझसे शादी कर लो।’’ रेडलिंग्वे ने कहा- ‘‘सूकी डी याखा! तुम ऐसा क्यों करना चाहती हो?’’ मैंने कहा- ‘‘क्योंकि लोग कहते हैं कि तुम पापी हो और तुम्हें पागलपन के दौरे भी पड़ते हैं। तुम मेरी बहन मार्टा के बिल्कुल भी लायक नहीं हो।’’ कुछ देर तक रेडलिंग्वे मुझे देखता रहा और सिगार हाथ में थामे भगवान जाने क्या सोचता रहा। फिर उसने तत्परता से कहा- ‘‘फिर भी, सूकी डी याखा! मैं किसी और से नहीं, तुम्हारी बहन मार्टा से ही शादी करूँगा। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो मैं तुम्हारी जीकोगाट वाली जमीनें ले लूँगा जैसा कि मेरा कानूनन अधिकार है और तुम्हारे बाप को दिवालिया कर दूँगा। आगे जैसे तुम्हारी मर्जी।’’ ऐसा कहकर उसने सिगार मुँह में रख लिया और फिर एक शब्द भी नहीं बोला।
पत्थर-सा भारी दिल लेकर मैं घर वापिस आ गयी। उस पूरी रात मैं भगवान से प्रार्थना करती रही- ‘‘हे ईश्वर! मेरे साथ चाहे जैसा कर लें, लेकिन हमारी मार्टा को बचा लें।’’ हाँ, मैंने मार्टा को बचाने के लिए उस रात भगवान से सौदेबाजी करने की कोशिश की। मैंने यहाँ तक कहा- ‘‘अगर आप मेरी मार्टा को नहीं बचाते हैं, तो मैं समझूंगी कि दुनिया में भगवान है ही नहीं।’’
तीन सप्ताह के अन्दर मार्टा की बूढ़े यॉन रेडलिंग्वे से शादी हो गयी और वह उसके साथ रहने के लिए नदी पार चली गयी। मार्टा की शादी वाले दिन मैंने अपने पिता के सामने उनकी बाइबिल रखी और कहा- ‘‘पिताजी, अगर आप चाहें तो प्रार्थना करें, लेकिन मैं इसमें शामिल नहीं होऊँगी। दुनिया में भगवान नाम की कोई चीज नहीं हैं, क्योंकि अगर वह होता तो अवश्य ही हमारी मार्टा को बचा लेता। फिर भी अगर भगवान है, तो वह निश्चित ही मार्टा को बूढ़े रेडलिंग्वे के हाथों बेचने की एवज में हमारी आत्माओं को नरक में जलाएगा।’’ उस समय मैं अपने पिता के साथ कुछ भी कर सकती थी। मेरा दिल मेरी बहन मार्टा को छोड़कर बाकी सारी दुनिया के प्रति कड़वाहट से भरा था। तब मेरे पिता ने कहा- ‘‘सूकी! क्या यह चमत्कार नहीं है कि बूढ़े रेडलिंग्वे ने जो पानी मेरे नाले में छोड़ा है, उससे हमने क्या कर दिखाया है?’’ मैंने जवाब दिया- ‘‘इसमें चमत्कार क्या है? हम अपनी जमीनों को खून से सींच रहे है। क्या इसी कारण मेरी माँ नहीं मर गयी? और क्या इसीलिए हमने मार्टा को बूढ़े रेडलिंग्वे के हाथों नहीं बेच दिया?’’ हाँ, मैंने यही कहा। मुझे यूँ लगा कि जैसे मेरे पिता खेतों में पानी दे रहे हैं और बूढ़ा रेडलिंग्वे पूर प्लैटकॉप्स के सामने मेरी बहन मार्टा को पकड़कर शर्मसार कर रहा है और यह देखकर मेरा दिल बैठा जा रहा है।
मैं प्रायः मार्टा से मिलने नदी पार चली जाती, लेकिन रेडलिंग्वे ने शादी के बाद एक बार भी उसे हमारे घर नहीं आने दिया। वह मुझसे कहता- ‘‘देखो सूकी डी याखा, तुम्हारे पिता ने अपनी जमीनों के लिए अपनी बेटी को मुझे बेचा है, तो अब उसे अपने खेत सम्भालने दो और उसकी बेटी को मेरे हवाले रहने दो।’’ वह हमेशा बस यही कहता।
मार्टा ने मुझे बताया कि रेडलिंग्वे हर समय पगलाया नहीं रहता। लेकिन शादी के दिन से ही उस पर एक सनक हावी हो गयी थी। वह चीख-चीखकर सारी दुनिया को अपनी पत्नी दिखाता और कहता कि इसे बुखे डी याखा ने मेरे हाथों बेच दिया है। वह कहता- ‘‘देखो, वह अपनी नई घोड़ा-गाड़ी में कैसे बैठी है – मेरी पत्नी जिसे बुख़े डी याखा ने मेरे हाथों बेच दिया है।’’ फिर वह जीकोगाट वाले खेतों की तरफ हाथ करके कहता- ‘‘वो देखो, कितनी हरी-भरी जमीनें हैं जिन्हें बचाने के लिए बुखे डी याखा ने अपनी बेटी को बेच दिया है।’’ यहाँ तक कि राह चलते अजनबी लोगों को भी वह अपनी घोड़ा-गाड़ी रोककर यही बातें बताता जबकि मार्टा उसके साथ बैठी होती।
एक दिन मेरे पिता ने मुझसे कहा- ‘‘सूकी! क्या इस तरह मार्टा को अपनी नई घोड़ा-गाड़ी में पूरे इलाके में यूँ घूमते देखना आश्चर्यजनक नहीं है?’’ मैंने उनसे कहा- ‘‘इसमें हैरानी क्या है? वह अपनी नई घोड़ा-गाड़ी में बैठकर अपनी कब्र की ओर जा रही है। शीघ्र ही आप भी इसे महसूस करेंगे।’’ मैंने उन्हें यह भी कहा- ‘‘मेरी माँ को मारने में आपको कई साल लगे, लेकिन मेरा विश्वास कीजिए, मेरी बहन मार्टा को मारने में रेडलिंग्वे को उतने महीने भी नहीं लगेंगे।’’ हाँ, भगवान मुझे माफ करें, लेकिन मैंने अपने पिता से यही कहा। मेरी सारी सहानुभूति और दया मार्टा के लिए थी। मेरे पिता के लिए मेरे पास कुछ भी शेष न था।
इस दौरान मार्टा ने यॉन रेडलिंग्वे के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा। कहने को उसे कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन वह हर रोज कमजोर होती जा रही थी। इधर रेडलिंग्वे रोज अपनी घोड़ा-गाड़ी जोतता और मार्टा को पूरे इलाके में घुमाता। धीरे-धीरे यह सनक इतनी बढ़ गयी कि अब वह सुबह से शाम तक मार्टा को घुमाता रहता और सभी मिलने वालों से चिल्लाकर कहता- ‘‘देखो मेरी पत्नी को जिसे बुख़े डी याखा ने मेरे हाथों बेच दिया।’’
यह सिलसिला दिनों-दिन चलता रहा। आखिरकार एक दिन मार्टा इतनी कमजोर हो गयी कि वह गाड़ी में चढ़ ही न सकी और नीचे गिर पड़ी। रेडलिंग्वे ने मुझे नदी प।र बुलावा भेजा। जब मैं घर पर पहुँची, तो रेडलिंग्वे अपनी बन्दूक उठाए खड़ा था। उसने मुझे कहा- ‘‘अब बताओ, सूकी डी याखा, किसका पाप ज्यादा भयानक है? तुम्हारे पिता का जिसने अपनी बेटी बेच दी, या मेरा जिसने उसे खरीदा? मार्टा का जिसने अपने आप को बिकने दिया या तुम्हारा जिसने उसे बचाने के लिए अपने आप को समर्पित किया?’’ ऐसा कहकर उसने अपनी बन्दूक उठाई और मेरे जवाब की प्रतीक्षा किये बिना ही बाहर चला गया।
मार्टा बूढ़े रेडलिंग्वे के बड़े-से पलंग पर लेटी हुई थी। वह केवल दो बार बोली। एक बार उसने कहा- ‘‘मेरी प्यारी सूकी! वह हमेशा पगलाया नहीं रहता था। वैसे मैं कौन होती हूँ उसे परखने वाली?’’ दूसरी बार उसने कहा- ‘‘प्यारी सूकी! कितनी अच्छी बात हैं कि थोड़े समय बाद ही मैं अपनी माँ के साथ होऊँगी। भगवान ने इस तरह से मेरी सहायता की है।’’
शाम के समय मार्टा मर गयी। लोग रेडलिंग्वे को बुलाने दौड़े, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। पूरी रात और यहाँ तक कि अगले दिन भी वे उसे खोजते रहे। हमने मार्टा को जीकोगाट में मेरी माँ की कब्र में दफना दिया। तब तक भी रेडलिंग्वे का कोई अता-पता नहीं था। छः दिन तक उसकी खोज होती रही। अंत में पहाड़ों में उसका शव मिला। भगवान जाने वो कौन-सा पागलपन था जो रेडलिंग्वे को उस समय पहाड़ों की ओर खींच लाया, जिस समय उसकी पत्नी मर रही थी। उसे बिटरवॉटर में दफना दिया गया।
उस रात मेरे पिता पास आये और बोले- ‘‘सूकी! तुमने ठीक ही कहा था कि मैंने अपनी जमीनों को खून से सींचा है। आज रात मैं इस नाले को पाट दूँगा जिसे मैंने गमका नदी तक बनाया था। भगवान मुझे माफ करें, मैं ऐसा करूँगा।’’ मैं उन्हें कहना चाहती थी- ‘‘खून अब खेतों में इतना गहरा पैठ गया है कि उसे धोया नहीं जा सकता।‘‘ लेकिन मैंने ऐसा नहीं कहा। पता नहीं अचानक कैसे मेरे सामने मेरी बहन मार्टा का शांत लेकिन उदास चेहरा आ गया और उसने मेरी ओर से जवाब दिया- ‘‘अब वही करो जो आपको ठीक लगे। मैं कौन होती हूँ आपको परखने वाली?’’
स्रोतः सं. सुभाष चंद्र, देस हरियाणा (मई-जून 2018), पेज – 9 से 11