ऊधम सिंह नै सोच समझ कै – रणबीर सिंह दहिया

रागनी

ऊधम सिंह नै सोच समझ कै करी लन्दन की जाने की तैयारी।।
राम मुहम्मद नाम धरया और पास पोर्ट लिया सरकारी।।
किस तरियां जालिम डायर थ्यावै चिन्ता थी दिन रात यही
बिना बदला लिये ना उल्टा आऊं हरदम सोची बात यही
उनै मौके की थी बाट सही मिलकै उंच नीच सब बिचारी।।
चौबीस घण्टे उसकै लाग्या पाछै यो मौका असली थ्याया ना
जितने दिन भी रहया टोह मैं उनै दाणा तक भी भाया ना
लन्दन मैं भी भय खाया ना था ऊधम क्रान्तिकारी।।,
दिन रात और सबेरी डायर उनै खड़ा दिखाई दे था
हाथ गौज में पिस्तोल उपर हमेशा पडय़ा दिखाई दे था
भगत सिंह भिडय़ा दिखाई दे भर आंख्यां के मां चिन्गारी।।
होई कदे समाई कोन्या उसकै लगी बदन मैं आग भाई
न्यों सोचें जाया करता हमनै हो खेलना खूनी फाग भाई
रणबीर का सफल राग भाई जिब या जनता उठै सारी।।
स्रोतः सं. सुभाष चंद्र, देस हरियाणा (जुलाई-अगस्त 2016), पेज- 32

More From Author

धांय धांय धांय होई उड़ै – रणबीर सिंह दहिया

जलियांवाळे बाग का मंजर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *