कितने मीठे हैं ईश्वर को 'संबोधित शब्द ' मेरी इच्छा मेरे अंतिम शब्द यही हों कि "तुझ में संपूर्ण विश्वास है मुझे" मैं चाहता हूं चुरा लूं ये पंक्तियां और इंकलाब को संबोधित करूं
2. बुद्धिजीवियों का दुखांत
बुद्धिजीवी तेज दौड़ने वाला हिरण है काल जितना तेज बुद्धिजीवी दूर की सोचता है
पर वह वो खरगोश है जिस ने कछुए की दौड़ को मजाक समझा
3. सोच पलटती नहीं
मैं पलट जाऊं पर सोच नहीं पलटती अब पर्दा कैसा ?
4. ढीठता
हम ढीठ बने रहते हैं मरने तक कि वह तो एक दिन आएगा ही सारी दुनिया मरती है
यहां तक कि इतना भी नहीं सोचते कि अगर मौत हो तो कैसी हो
5. नर्क में
नर्क में
नागफनी के गीत
नागफनी की खाना
6. शांति
हम शांति की लकीर खींच रहे हैं लकीर खींचते रहेंगे दोस्त हम तुम्हें अभी भी दुश्मन नहीं कहते बेसक तुम्हें कठपुतली-नृत्य नचाने वालों को कभी माफ नहीं करेंगे
भले ही हम शांति की लकीर खींच रहे हैं
7. एक सोच
वे विचार बहुत रूखे थे मैं तेरे भीगे हुए बालों को जब मुक्ति समझ बैठा
8. एटम-बम
अगर जालिम को सजा दी तो एटम बम चल जाएंगे
अगर गद्दारों को बेनकाब किया तो एटम बम चल जाएंगे
चल जाएं !
9. कोढ़ी
ज़मीरें, नजरें और हौसले सड़ चुके हैं शरीर कोढ़ी हो गये हैं कला और साहित्य के सिद्धांतों के पहाड़ों जैसे ग्रंथ हवा में खुले पड़े हैं तेज हवा पन्ने पलटती है जिन पर कोढ़ी-हाथ रखकर विद्वान बैठे हैं आदर्श की तस्वीरों को कूड़े के साथ बाहर फेंक दिया है 'मोनालिजा' के आशिकों ने घर सजाए हैं वे जिन एटमों का डर दिखाते हैं एटम तो चल चुके हैं ज़मीरें, दृष्टिकोण और हौसले सड़ चुके हैं
10. बच्चियां
महफ़िल सजी हुई है बच्चे खेल रहे हैं एक के हाथ में चांद है एक के सूरज पूनम और शुमीता ये एक युग की तस्वीरें हैं
11. हम वही हैं
दो तीन औजार मुझे दो तीन औजार बहुत प्यारे हैं एक है रम्बी यह पीछे को चलती है और काटती है दूसरी दरांती कि आगे बढ़ती है धीरे-धीरे पर जब उसे घुमाया जाता है तब वो काटती है तीसरा रंदा जिसको मिस्त्री चलाते हैं और उसका बुरादा वे अपनी तरफ़ ही गिरा लेते हैं मुझे किसी शायर दोस्त ने कहा था हम वही हैं
नोट : उपरोक्त सभी कविताएं 'दीप दिलबर' द्वारा पंजाबी में संपादित पुस्तक 'लाल सिंह दिल जीवन, रचना और समीक्षा' (दिलदीप प्रकाशन- समराला, प्रथम संस्करण/2013) से ली गई हैं।
लाल सिंह दिल की अनुदित कविताएं बहुत पहले पढ़ी थी, अद्भुत कवि हैं । बहुत खूबसूरती से अपने विचार को शिल्प में ढालने की कला कवि से सीखी जा सकती है ।