लद्दाख आंदोलन के समर्थन के लिये अपील: युथ फॉर हिमालय

लद्दाख की जनता की शांतिपूर्ण पश्मीना मार्च को धारा 144 लगाकर रोकना सरासर लोकतंत्र की हत्या है!

लद्दाख की जनता के संघर्ष के समर्थन में अपनी-अपनी जगह पर पश्मीना मार्च का आयोजन करें!

बीते कई महीनों से लद्दाख और कारगिल की जनता शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से पूर्ण राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठवी अनुसूची लागू करवाने और अलग से सर्वीस कमिश्न लागू करने की मांग को लेकर कारगिल डेमोक्रेटिक एलायांस और एपेक्स बॉडी लेह के नेतृत्व में संघर्ष कर रही है। हाल ही में वैज्ञानिक और पर्यावरणविद्द सोनम वांगचू सहित सैकड़ों लद्दाखी जनता ने भूख हड़ताल समाप्त की थी और लद्दाखी महिलाओं ने उसके बाद भूख हड़ताल जारी रखी है। गौरतलब है कि लद्दाख के इस संघर्ष में स्थानीय लोग अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए और मौजूदा सत्तारूढ़ राजनीतिक दल द्वारा चुनावों के वक्त किये वायदों को पूरा करवाने के लिए शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे हुए हैं। आगामी 7 अप्रैल को लद्दाख के लोगों ने महात्मा गाँधी के नक्शे कदम पर चलते हुए दांडी यात्रा की तर्ज पर पश्मीना यात्रा का आह्वान किया था। इसके लिए देश-विदेश भर से लोगों ने समर्थन जारी किया है। लेकिन जिस तरह दांडी मार्च के वक्त अंग्रेज हुकूमत ने दमन के हथकंडे अपनाये थे आज उसी तरह आज़ादी के 70 सालों के बाद “आजाद भारत” की सरकार लद्दाख के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचलने का काम कर रही है।

यह शर्म्नाख बात है कि एक माह से अधिक से चल रहे आन्दोलन में केंद्र सरकार की तरफ से बात चीत की पहल तो नहीं की गयी लेकिन अब उलटा लद्दाख जिला मजिस्ट्रेट लेह द्वारा 5 अप्रैल 2024 को एक आदेश जारी कर धारा 144 लागू कर दी गयी है। इसके लिए बहाना बनाया जा रहा है कि जिले में मानव जीवन को खतरा और सार्वजनिक शांति भंग होने की सूचनाएं मिल रही है। इस आदेश के तहत बिना जिला मजिस्ट्रेट लेह की पूर्व अनुमति के किसी भी तरह के जलसे, जुलूस, रैली और मार्च आदि पर रोक लगा दी गयी है। इतना ही नहीं कोई न कोई बहाना बना कर किसी भी तरह से लोगों के एकत्रित होने, किसी तरह की स्टेटमेंट तक देने की मनाही की जा रही है।

जिस लद्दाख को शांति प्रिय और मेहमानवाजी के लिए जाना जाता है, जिसका सरकार प्रचार करती रही है औज इस इलाके को सत्ता का नशा और प्रशासनिक सनक अशांति की तरफ धकेल रही है। ये लद्दाख ही नहीं बाकी हिमालयी (पहाड़ी) राज्यों और देश के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है। यूथ फॉर हिमालय लद्दाख के शांतिपूर्ण आंदोलन पर सरकार द्वारा धारा 144 के नाम पर किये जा रहे दमन की कठोर शब्दों में निंदा करता है। कल को इंटरनेट बैन कर के पूरे इलाके को ही देश से अलग-थलग कर लोगों पर मनमानी ज्यादती की जाएं इस शंका के साथ हम देश के न्यायपसंद, जनवादी और देशभक्त लोगों से आह्वान करते हैं कि सरकार की अलोकतांत्रिक प्रतिक्रियाओं की न केवल निंदा करें बल्कि जिस पश्मीना मार्च को लद्दाख में रोका जा रहा है उसको समर्थन में अपने-अपने इलाके, गांव, शहर बस्ती में शान्तिपूर्ण पश्मीना मार्च निकालें। इसमें संख्या मायने नहीं रखती चाहे आप अकेले हैं, आपने कुछ दोस्तों के साथ मिल कर कुछ न कुछ करें। सोशल मीडिया पर अपनी गतिविधियों का प्रचार करें। हम युथ फॉर हिमालय से जुड़े हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, कश्मीर, जम्मू, मणिपुर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश के नौजवानों से और बाकि क्षेत्रों के पर्यावरण कार्यकर्ताओं, छात्र संगठनों, नौजवान संगठनों से अपील करते हैं कि इस पश्मीना मार्च को अपने-अपने स्थानों पर आयोजित करें और सरकार के कानों तक अपनी बात पहुंचाएं।

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