बलात्कार के खिलाफ
प्रदर्शन करती निर्वस्त्र औरतें
उन पर लाठी गोली बरसाते
पुलिस और सेना के जवान
छिपकर देखता हुआ
एक असहाय
निर्वस्त्र लोकतंत्र!
2. आंखों पर पट्टी
धृतराष्ट्र तो उसी तरह जन्मांध थे
जिस तरह आम तौर पर राजा महाराजा हुआ ही करते हैं
लेकिन...
गांधारी, तुमने पट्टी क्यों न उतार फैंकी
क्यों न उतार फैंकी वह पट्टी
जो जानबूझकर उस समय की पितृसत्ता ने तुम्हारी आंखों पर बांधी थी
तुम्हारी आंखों के आगे तो अंधेरा था
पर बाहर जो महाअंधकार था
वह तुम देख न सकी
शायद तुम्हारी आंखों पर पट्टी भी
इसी वजह से बांधी गई थी
तुम्हारी आंखों पर पट्टी बांधी गई
ताकि द्रोपदी का चीर हरण किया जा सके
मारा जा सके अभिमन्यु को धोखे से
काट लिया जाए एकलव्य का अंगूठा
घोषित कर दिया जाए अर्जुन को सर्वश्रेष्ठ
सूर्यपुत्र को किया जाए लांछित
अश्वत्थामा को मार दिया जाए कपट से
गांधारी,अब वह पट्टी उतार कर फेंकने का वक्त आ गया है
ताकि तुम भी देख सको
कि तुम्हारे द्वारा आंखों पर पट्टी बांध लेने से
उस समय के समाज को क्या कीमत चुकानी पड़ी
आंखों पर पट्टी बांध कर जीना
खुद मर जाना होता है
अपने समय को मरने देना होता है
फिर बाद में
मर चुके समय को
श्राप देने का कोई अर्थ नहीं होता !
3. प्रेम पत्र
आजादी के सवाल पर
घबराई हुई
महान परंपराओं से
डरी हुई
मंदिर जाती
प्रेम में असफल स्त्रियां
लिखती हैं
प्रेम-पत्र और प्रेम कविताएं
आजादी के सवाल पर लड़ती
सवाल दर सवाल करती
हवा के खिलाफ चलती
बेख़ौफ़ होकर
प्रेम करती स्त्रियां
लिख नहीं पाती कुछ भी
प्रेम के बारे में
4. बच्चियां लौट आई हैं
जीर्ण-शीर्ण अशक्त शरीर को लेकर
लौट आई हैं वे बच्चियां
जो गुम हो गई थी बचपन में
या गुम कर दी गई थी
कुछ अनजान कारणों से
जिन्हें निकाला जा चुका था
पिताओं और भाईयों की चर्चाओं से
पर जो बैठी रही हमेशा
मांओं और बहनों के एकान्त में
वे लौट आई हैं वहां से
उन अंधी गलियों और कोठों से
जहां वह पहुंच गई थी मुंह अंधेरे
जहां अंधेरा ही करता रहा उनकी सुरक्षा
अब वे बच्चियां
बूढ़ी और निर्बल हो गई हैं
सफेदपोश चरित्रवानों के नगर में
बदनाम और चरित्रहीन
वे वापिस आ गई हैं
अपने बचपन के शहर की गलियों में
अपने बचपन के गांव के मोहल्लों में
वे सबको पहचानती हैं अच्छी तरह
पर जिस तरह वे पहचानती हैं सबको
उस तरह नहीं पहचानता उन्हें अब कोई
इन्हीं गली/मुहल्लों में जन्मी
अहिल्या सी मासूम बच्चियां
पत्थर होकर लौटी हैं
अपने अंतिम वक्त में
कौन देगा उन्हें अंतिम दाग !
5. रसद
युद्ध के बाद
एक सैनिक-शिविर में रसद भेजी गई
कुछ दवाईयां, कुछ कपड़े
कुछ खाने-पीने का सामान
कुछ बाकी चीजें जो जरूरी थी
बाकी चीजों में
कुछ औरतें थीं
कुछ बच्चियां भी
Really Jaipal ji’s poems are fantastic.