मणिपुर तै इक विडियो आई दिन धौळी। विश्वगुरू-छब स्याह्मी पाई दिन धौळी।। भारत माता की जय के नारे ला कै भीड़ नै नंगी बीर घुमाई दिन धौळी। भीड़ बणे हत्यारे भुक्खे भेड्यां नै मां की इज्जत तार बगाई दिन धौळी। जात धरम का जहर फला कै स्यासत नै औरत-देही नोच कै खाई दिन धौळी। सुणकै चीख नदी-जंगळ भी रोये पर निरदैय्यां नै दया नि आई दिन धौळी। भीड़ कहै थी हिन्दू राज बणांवां गे सुण कानून करै उकलाई दिन धौळी। छोड्डो मणिपुर ईब चलो बंगाल्लै म्हं हैवान्नां नै स्लाह मिलाई दिन धौळी। देख दरिन्द्यां की करतुत्तां नै "खड़तल" बणदा दिक्खै हिंद कबिलाई दिन धौळी।
चमन की आवाज में इस कविता को यहाँ सुना जा सकता है-