आसमान में लाली छाई,
रंग – बिरंगी होली आई ।
बच्चों में उत्साह जगा न्यारा,
आया – आया त्यौहार प्यारा ।
चुन्नू – मुन्नू रंग घोल रहे,
धन्नू-पुन्नू गुलाल उड़ा रहे ।
बज रहे झांझ, मंजीरे, ढोल,
पकवानों का कोई न मोल ।
सब कर रहे हंसी – ठिठोली,
आई रे आई रंग-रंगीली होली।
सबके कपड़े हो गये नीले-पीले,
पुराने बैर- भाव सब जन भूले ।
मौसम बना बहुत सुखदायी,
रंग – बिरंगी होली आई ।
– मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश 283111